‘भारत में सिर्फ 5% आबादी के पास है बीमा…’ नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी की रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा!

भारत की सिर्फ 5 फीसदी आबादी के पास बीमा है। अभी भी देश की 95 प्रतिशत आबादी बीमा को महत्व…

नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी की रिपोर्ट

भारत की सिर्फ 5 फीसदी आबादी के पास बीमा है। अभी भी देश की 95 प्रतिशत आबादी बीमा को महत्व नहीं दे रही है। ये चौंकाने वाला खुलासा नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी की रिपोर्ट से हुआ है। सरकार और बीमा नियामक IRDA की तमाम कोशिशों के बावजूद लोग बीमा को महत्व नहीं दे रहे हैं। इस विफलता के कारण देश के 144 करोड़ लोगों की जान-माल पर लगातार खतरा मंडरा रहा है। भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष देवाशीष पांडा ने यह रिपोर्ट जारी कर बीमा कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन करने की अपील की है।

सिर्फ 27 फीसदी लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा

रिपोर्ट के मुताबिक, देश की 95 प्रतिशत आबादी के पास बीमा नहीं है। इसलिए प्राकृतिक आपदाओं और अन्य जलवायु-संबंधित आपदाओं का खतरा मंडराता रहता है। बीमा कंपनियों को अपना प्रचार-प्रसार स्वयं करना होगा। निम्न और मध्यम आय वर्ग के 84 प्रतिशत लोग और तटीय क्षेत्रों, दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में 77 प्रतिशत लोग बीमा रहित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 73 फीसदी आबादी के पास अब भी स्वास्थ्य बीमा नहीं है।

प्राकृतिक आपदा बीमा की जरूरत

IRDAI ने उद्योग जगत से उन कदमों पर गौर करने को कहा है जो UPI, बैंक खातों और मोबाइल फोन को पूरे देश में लागू करने में सक्षम बनाएंगे। पांडा ने कहा कि उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा बीमा अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। रिपोर्ट में इसकी सिफ़ारिश भी की गई है। सभी के लिए बीमा का लक्ष्य हासिल करने के लिए यह जरूरी है।

भारत का बीमा उद्योग

भारत में अभी भी 34 सामान्य बीमा कंपनियां और 24 जीवन बीमा कंपनियां काम कर रही हैं। इंश्योरेंस सेक्टर बहुत बड़ा है. यह 15-20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। IRDAI के अनुसार, बैंकिंग सेवाओं के साथ-साथ बीमा सेवाएं देश की जीडीपी में लगभग 7 प्रतिशत का योगदान देती हैं। एक सुविकसित बीमा क्षेत्र आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है।

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