लोकतांत्रिक देशो में विरोध करना हुआ मुश्किल ईरान में एक 23 साल के लड़के को हिज़ाब का विरोध करने पर फांसी दी गयी

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लोकतांत्रिक देशो में विरोध

लोकतांत्रिक देशो में विरोध करना हुआ मुश्किल ईरान में एक 23 साल के लड़के को हिज़ाब का विरोध करने पर फांसी दी गयी 

लोकतांत्रिक देशो में विरोध- ईरान का नाम सुनते ही आम तौर पर दिमाग  मुस्लिम कट्टरपंथ की ओर चला जाता है। हाल ही में हिजाब पहनने को लेकर देश में काफी विरोध हुआ है। बहुत से लोग महसूस करते हैं कि यह दमनकारी और अनावश्यक है, और इसे अधिक खुले और उदार प्रथाओं के पक्ष में छोड़ देना चाहिए। जो भी इसके विरोध में अपनी अवाज उठा रहा तो वहां की सरकार उन्हें सख्त से सख्त सजा दे रही है। एक तरफ हिजाब पहनने के विरोध में 12 दिसंबर को एक 23 वर्षीय युवक को सरेआम फांसी पर लटका दिया गया। सोशल मीडिया पर उस लड़के का वीडियो वायरल हो रहा है और वह लोगों से ये अपील कर रहा है। फांसी देने से पहले का बताया जा रहा है वीडियो । वीडियो में आप देख सकते हैं कि लड़का मरने के बाद लोगों से कुरान न पढ़ने की अपील कर रहा है बल्कि उनका मानना ​​है कि हमें इसकी जगह  जश्न मनाना चाहिए।

बेल्जियम के एक राजनेता ने (सांसद) सोशल मीडिया पर पोस्ट की वीडियो

ट्विटर पर संसद की सांसद और महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली दारया साफई ने शेयर किया है।उन्होंने पोस्ट कर लिखा कि उसके आखिरी शब्द थे- कुरान न पढ़ें, दुखी न हों, जश्न मनाएं। शरिया कानून की वजह से उसकी जान गई। उसने सिर्फ अपने हक के लिए आवाज उठाई थी। शरिया कानून में अल्लाह के हवाले से कई कानूनों के लिए सजा का प्रावधान हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई ‘ आखिरी इच्छा’

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आंखों पर पट्टी बांधे और दो नकाबपोश गार्डों से घिरा मजीदरेजा कैमरे की ओर मुंह करके बोलता दिख रहा है । अंग्रेजी के सबटाइटल्स में लिखा आ रहा है,’ मैं नहीं चाहता कि कोई मेरी कब्र पर शोक मनाए । मैं नहीं चाहता कि वे कुरान पढ़ें या मेरे लिए दुआ करें । बस जश्न मनाएं और संगीत से जश्न मनाएं ।’ बेल्जियम की संसद सदस्य और महिला अधिकार कार्यकर्ता दारया साफई सहित कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इस क्लिप को साझा किया है । दारया साफई वही सांसद हैं, जिन्होंने ईरान में महसा अमिनी की हिरासत में मौत और हिजाब विरोधी प्रदर्शनकारियों की हत्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए बेल्जियम की संसद में अपने बाल काटे थे । वायरल क्लिप की सत्यता की पुष्टि नहीं हो पाई है ।

मजीदरेजा पर पुलिसवालों को मारने के भी आरोप

मजीद्रेजा को तेहरान की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। विरोध प्रदर्शन के दौरान दो पुलिस अधिकारी मारे गए, और मजीद्रेजा पर ऐसा करने का आरोप लगाया गया। अदालत ने बताया कि गिरफ्तार होने से पहले आदमी ने दो पुलिस अधिकारियों की चाकू मारकर हत्या कर दी और चार अन्य पर हमला किया। मजीद्रेजा को 12 दिसंबर को जनता के बीच में फांसी दी गई थी। इससे चार दिन पहले आठ दिसंबर को 23 वर्षीय मोहसिन शेखरी को फांसी दी गई थी। प्रदर्शन के दौरान मजीद्रेजा ने पुलिस पर भी हमला किया।

शरिया कानून क्या कहता है?

शरिया कानून धार्मिक सिद्धांतों पर आधारित है। शरिया कानून के सभी शब्दों का एक विशिष्ट अर्थ है जो धर्म द्वारा निर्धारित किया गया है। इस कानूनों के तहत होने वाले गुनाहों को सीधे अल्लाह की खिलाफत समझा जाता है। शरिया कानून मुसलमानों के जीवन का तरीका है। यह नियमों का एक समूह है जो निर्देशित करता है कि लोगों को अपना जीवन कैसे जीना चाहिए। सभी मुसलमानों से उम्मीद की जाती है कि वो अपने दैनिक जीवन में इन कानूनों का पालन करे । शरिया एक मुसलमान के जीवन के हर पहलू को नियंत्रित करता है, क्या करना है और कब करना है, क्या नहीं करना है। शरिया कानूनों का एक समूह है जो हमारे जीवन के कई पहलुओं को नियंत्रित करता है, जैसे परिवार, वित्त और व्यवसाय।

 

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