भारतीय सैन्य दिवस- आखिर 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है भारतीय सैन्य दिवस ?

भारतीय सैन्य दिवस- आखिर 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है भारतीय सैन्य दिवस ? भारतीय सैन्य दिवस- 15…

भारतीय सैन्य दिवस- आखिर 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है भारतीय सैन्य दिवस ?

भारतीय सैन्य दिवस- 15 जनवरी को देश मकर संक्रांति का पर्व मना रहा है लेकिन यह दिन भारत के लिए एक और बात के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दिन समग्र भारत भारतीय सेना दिवस मनाता है।

हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है जबकि आज देश 75वां भारतीय सेना दिवस मना रहा है। यह दिन भारत के इतिहास मे एक गौरवपूर्ण मोका होता है । इसी दिन सीमा की सुरक्षा कर रहे जवानो का सन्मान किया जाता है।

देश की थल सेना की वीरता , शौर्य और कुर्बानीयो को याद किया जाता है। इस दिन देश के सभी सेना मुख्यालयो में और नई दिल्ली में सैन्य परेड , सैन्य प्रदर्शनियां और अन्य रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते है।

भारतीय सेना का गठन तब हुआ था जब देश अंग्रेजो के आधिन था। तब सेना के अधिकारी ब्रिटिश हुआ करते थे।और देश की आजादी 1947 के बाद भी यह सिलसिला कायम रहा। आजादी के बाद भी सेना के वरिष्ठ अधिकारी ब्रिटिश हुआ करते थे। 1949 मे पहली बार कीसी भारतीय ने यह जगह ली।

दरअसल 1949 मे आखरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर के जाने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल एम करियप्पा ने यह जगह ली और इसीके साथ आजाद भारत के पहले भारतीय सैन्य अधिकारी बन गए। पूरे देश के लिए यह मौका बेहद खास था और साथ ही खास थे एम करियप्पा भी। एम करियप्पा देश की सेना के पहले भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल थे।

एम करियप्पा देश की सेना के पहले भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल थे। उनके नाम एक बडी उपलब्धि यह है कि,उनहो ने भारत पाकिस्तान के बीच हो रहे युद्ध का नेतृत्व किया था और जीत हासिल की थी।जब 1949 में भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे तब फील्ड मार्शल करियप्पा को सेना प्रमुख बनाया गया। जिसके बाद वर्ष 1953 में वे रिटायर्ड हो गए थे। बाद में 94 साल की आयु मे 1993 में उनका निधन हो गया।

15 जनवरी को सेना दिवस मनाने का कारण यही है की वह पहले भारतीय थे जिनके हाथो मे भारतीय सेना का नेतृत्व पहुंचा था। इसलिए इस दिन को भारतीय सैन्य दिवस के तौर पर मनाया जाता है। हर साल इसका आयोजन दिल्ली में किया जाता था पर इस बार सेना परेड का आयोजन कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु मे किया गया।

बेंगलूरु के गोविंदस्वामी परेड हाउस ग्राऊंड मे आर्मी डे के अवसर पर शामिल हुए भारतीय आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने चीन और पाकिस्तान पर निशान साधते हुए कहा कि,हम हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। उन्हो ने कहा कि,उत्तर सीमावर्ती ईलाको में स्थिति सामान्य रही है। LAC पर मजबूत डिफेंस बरकरार रखते हुए हम किसी भी आकस्मिकता से निपटने के लिए तैयार हैं। जवानों को सभी प्रकार के हथियार, उपकरण और सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में दी जा रही है।

तो वहीं जम्मू-कश्मीर की सीमा से सटे इलाकों में ड्रोन और सीजफायर के उल्लंघन पर उन्हो ने कहा कि , पश्चिमी सीमावर्ती इलाकों में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम बरकरार है और संघर्ष विराम के उल्लंघन में भी कटौती हुई है। लेकिन सरहद पार आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी बरकरार है। जम्मू और पंजाब के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन से हथियार, ड्रग की तस्करी जारी है।

अग्निपथ योजना पर बोलते हुए उन्हो ने कहा कि, अग्निपथ योजना के आने से एक एतिहासिक और प्रगतिशील कदम उठाया है। हमने भर्ती प्रक्रिया को स्वचालित किया है।हमें देश के युवाओं से अच्छा प्रतिसाद मिला है। पुरुष अग्निवीर के पहले बैच की ट्रैनिंग शुरू हो चुकी है। अग्निवीरों को आगे चयन करने के लिए मजबूत प्रक्रिया विकसीत की है।

इस दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय सैन्य दिवस की शुभकामना देते हुए , भारतीय सेना की तारीफ की और कहा कि,हर भारतीय को सेना पर गर्व है। सैनिको ने हंमेशा देश को सुरक्षित रखा है और संकट के समय व्यापक रूप से सेना की सेवा की प्रशंसा की जाती है।

गौरतलब है कि,2023 से पहले आर्मी डे परेड दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में होती थी.

पिछले साल, भारतीय वायु सेना ने भी अपना वार्षिक फ्लाई-पास्ट और वायु सेना दिवस दिल्ली के पास हिंडन एयर बेस की जगह चंडीगढ़ में आयोजित किया था।

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