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- July 5, 2023
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UCC को लेकर BJP को लगा झटका, शिरोमणी अकाली दल ने किया विरोध, जानें कारण
2024 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए BJP के सहयोगी दल पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। वहीं, दूसरी…
2024 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए BJP के सहयोगी दल पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ यूनिवर्सल सिविल कोड (UCC) को लेकर अकाली दल का विरोध एक बड़ी चुनौती बन गया है। गौरतलब है कि अकाली दल की दिल्ली यूनिट ने न सिर्फ यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध किया है बल्कि BJP को भविष्य में किसी भी सहयोग से पहले UCC को लेकर आईना दिखाने की भी बात कही है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, शिरोमणी अकाली दल पंजाब में BJP की सबसे बड़ी सहयोगी रही है। दूसरी ओर, किसान आंदोलन के चलते केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने केंद्र से अलग होने का फैसला लिया। अब जब लोकसभा चुनाव को कुछ ही महीने बाकी हैं, तब ऐसे समय में UCC को लेकर अकाली दल का विरोध BJP के लिए एक बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है।
अकाली दल ने UCC का विरोध करते हुए इसे देश को बांटने का प्रयास तक बता दिया है। इस दौरान दिल्ली स्टेट चीफ परमजीत सिंह सरना ने कहा कि भविष्य में किसी भी तरह के संगठन से पहले BJP को UCC को जड़ से खत्म करना होगा। उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा कि कोई भी मसौदे को सामने रखे बिना धार्मिक संस्थाओ से लॉ कमिशन UCC पर सलाह कैसे मांग सकते हैं?
वहीं सरदार मंजीत सिंह जीके ने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने के बावजूद सिखों का कोई पर्सनल लॉ नहीं है। उन्होंने कहा कि जल्द-से-जल्द सिख पर्सनल लॉ बनाने को लेकर एक कमिटी बनानी चाहिए, तभी सरकार पर सिख पर्सनल लॉ लागू करवाने का दबाव बनेगा।
सिखो में कुछ सवालों को लेकर शंका
1) सिखों पर संविधान में हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड के नियम लागू होते हैं, जबकि शादी मैरेज एक्ट में रजिस्टर्ड होती है और अलग से हिंदू मैरेज एक्ट के तहत इसे अंजाम दिया जाता है। जबकि सिखों का कहना है कि उनकी परंपराए अन्य धर्मों से अलग है।
2) कृपाण रखने को लेकर शंका
3) हथियार और निहंग को प्रदर्शित करने पर शंका
4) कोई भी फैमिली प्लानिंग प्रोसेस को ना थोपा जाए
5) जो संस्थाए सिखों से जुडी है, उनकी ऑथोरिटी पर कोई आंच ना आए