DMK सांसद दे रहे हैं बिहारियों को गाली, तमिलनाडु BJP चीफ ने कहा- ‘INDIA’ के नेताओं को कैसा लग रहा है?

DMK सांसद दे रहे हैं बिहारियों को गाली- एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु में हिन्दी भाषी वर्सेज…

DMK सांसद दे रहे हैं बिहारियों को गाली- एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु में हिन्दी भाषी वर्सेज गैर हिंदी भाषी का विवाद बढ़ने लगा है। तमिलनाडु के मंत्री टीआरबी राजा के बिहारियों को गाली देने वाले एक पुराने पोस्ट को बीजेपी नेता अन्नामलाई ने साझा किया और कहा कि डीएमके में कुछ भी नहीं बदला है। बता दें कि DMK के सांसद दयानिधि मारन का वीडियो भी इसमें शामिल हैं।

डीएमके सांसद दयानिधि मारन इस वीडियो में ये कह रहे है कि तमिलनाडु में यूपी और बिहार के हिंदी भाषी लोग शौचालय साफ करते हैं। बिहारियों को अपमानित करने वाले तमिलनाडु के मंत्री टीआरबी राजा के कथित 2020 के पोस्ट के स्क्रीनशॉट भी अन्नामलाई ने साझा किए। उत्तर-भारतीय राज्यों के बारे में संसद में सेंथिल कुमार के हालिया बयान का जिक्र करते हुए अन्नामलाई ने पूछा कि द्रमुक में क्या बदलाव आया है?

डीएमके का सिद्धांत विभाजनकारी

डीएमके पर अन्नामलाई ने ट्वीट कर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘यूपी और बिहार में डीएमके सांसद द्वारा हमारे दोस्तों की बदनामी के इस वीडियो पर डीएमके की ओर से एकमात्र प्रतिक्रिया यह है कि यह वीडियो पुराना है। यह कैसा बदलाव है जबकि, विभाजनकारी सिद्धांतों पर बनी पार्टी डीएमके आज भी ऐसी भाषा का उपयोग करना जारी रखती है?’

कांग्रेस ने भी टिप्पणी को अस्वीकार्य बताया

कांग्रेस ने भी दयानिधि मारन के वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया दी है। पार्टी नेता पवन खेड़ा ने कहा कि टिप्पणी अनर्गल है और उन्होंने जो कहा और जो उनका मतलब था, हो सकता है उसमें कुछ गलतफहमी हो। पवन खेड़ा ने कहा-उन्होंने अगर ऐसा कहा है तो यह बिल्कुल अस्वीकार्य है।

डीएमके और बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी राजद, जद(यू) तब से भी बीजेपी नेताओं द्वारा वीडियो साझा करने के बाद सवाल पूछे जा रहे हैं। बता दें कि ये तीनों पार्टियां इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। बीजेपी नेताओं ने पूछा है कि वे इस टिप्पणी के बारे में क्या सोचते हैं?

तेजस्वी यादव ने भी निंदा की

DMK सांसद दे रहे हैं बिहारियों को गाली- बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस पर कहा कि डीएमके नेता का ऐसा कुछ कहना अशोभनीय है, क्योंकि सामाजिक न्याय में डीएमके विश्वास करती है। तेजस्वी ने कहा, ‘अगर जातिगत बुराइयों को डीएमके सांसद ने उजागर किया होता, अगर उन्होंने कहा होता कि ऐसी खतरनाक नौकरियां केवल कुछ सामाजिक समूहों के लोग ही लेते हैं, तो इसका कोई अर्थ होता, किन्तु यूपी और बिहार की पूरी आबादी के बारे में अपमानजनक बातें करना निंदनीय है।

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