सिविल सेवा परीक्षा में शख्स ने ChatGPT से कराया नकल; 35 उम्मीदवारों से 1.1 करोड़ रुपये कमाए

तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (TSPSC) के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। दरअसल,…

तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (TSPSC) के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। दरअसल, देश में पहली बार उम्मीदवारों ने सिस्टम को धोखा देने के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया। ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की जांच कर रहे रहे विशेष जांच दल (SIT) ने पाया है कि सहायक कार्यकारी अभियंता (AEE) और मंडल लेखा अधिकारी (DAO) की भर्ती के लिए प्रश्न पत्र देखने के बाद एक आरोपी ने जवाब पाने के लिए AI का इस्तेमाल किया। इसके बाद जब कैंडिडेट्स परीक्षा दे रहा था, तब उसने ब्लूटूथ ईयरबड का उपयोग कर उम्मीदवारों को आंसर बताए। SIT ने पेड्डापल्ली में तेलंगाना स्टेट नॉर्दर्न पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के डिविजनल इंजीनियर 35 वर्षीय पूला रमेश को हिरासत में लिया है।

In the Civil Services Examination, a person cheated with ChatGPT; Rs 1.1 crore earned from 35 candidates
40 लाख में हुआ था सौदा तय

रमेश को कम से कम तीन परीक्षाओं के लीक हुए प्रश्नपत्रों तक पहुंच मिली और उनमें से दो के उत्तर पाने के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया। जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, रमेश ने 22 जनवरी और 26 फरवरी को आयोजित दो परीक्षाओं में बैठे सात उम्मीदवारों को उत्तर देने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई। उसने सभी सातों को ब्लूटूथ माइक्रो ईयरपीस यूज करने के लिए दिया।

जांच के मुताबिक परीक्षा केंद्र के एक प्राचार्य ने प्रश्नपत्रों की तस्वीरें खींचीं और उन्हें परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट बाद रमेश को भेज दिया। रमेश, जो अपने चार सहयोगियों के साथ दूसरे स्थान पर बैठा था, सही आंसर पाने के लिए चैटजीपीटी का उपयोग करता था और उन्हें उम्मीदवारों तक पहुंचाता था। पास करने में मदद करने के लिए उसे 40 लाख रुपये देने पर सहमत हुए थे।

30 से ज्यादा उम्मीदवारों को 25 से 30 लाख रुपए में बेचा

रमेश को 5 मार्च को सिविल सेवा परीक्षा के लिए ChatGPT का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि उन्हें बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक पूला रवि किशोर से लीक हुआ प्रश्न पत्र बहुत पहले मिल गया था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “रमेश ने लीक हुए प्रश्नपत्र को 30 से ज्यादा उम्मीदवारों को 25 से 30 लाख रुपए में बेचा। रमेश को 35 से ज्यादा उम्मीदवारों से 10 करोड़ रुपये बनाने की उम्मीद थी। मार्च की शुरुआत में जब तक घोटाले का पर्दाफाश हुआ, तब तक करीब 1.1 करोड़ रुपये रमेश को मिल चुके थे।

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