ओडिशा ट्रेन हादसा: 29 शवों की अब तक नहीं हुई पहचान, जानिए अब क्या होगा?

  ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे में जान गंवाने वाले 29 लोगों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।…

 

ओडिशा ट्रेन हादसा

ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे में जान गंवाने वाले 29 लोगों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। रेलवे और अस्पताल अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है। जून महीने में हुए इस रेल हादसे में 294 लोगों की जान चली गई थी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भुवनेश्वर के अधीक्षक दिलीप परिदा ने कहा कि हमें इस सप्ताह डीएनए रिपोर्ट का अंतिम बैच मिलने जा रहा है। हमें लगता है कि इनमें से केवल दो या तीन नमूने ही मेल खा सकते हैं।

दिलीप परिदा का कहना है कि एम्स को दो चरणों में कुल 162 शव मिले, जिनमें से 133 शवों को डीएनए सैंपल मिलान के बाद उनके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया। उन्होंने कहा कि 29 शवों को एम्स के कंटेनरों में सुरक्षित रखा गया है, जिनकी फिलहाल पहचान नहीं हो पाई है। केंद्र सरकार और ओडिशा सरकार यह तय करने जा रही है कि जिन शवों की पहचान नहीं हो सकी है, उनके संबंध में आगे क्या किया जाए।

आईडी ने बाकी शवों की पहचान की

जून में चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जाने वाली एसएमवीपी हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और ओडिशा में एक मालगाड़ी की टक्कर हो गई थी। इस रेल हादसे में 294 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 800 से ज्यादा लोग घायल हो गए। बालासोर जिले में हुई ट्रेन दुर्घटना को देश की सबसे भीषण रेल दुर्घटनाओं में से एक माना गया था।

पहचान नहीं होने पर डीएनए सैंपलिंग

हादसे के बाद जब राहत कार्य शुरू हुआ तो ज्यादातर शवों की पहचान उनके पास से मिले आधार कार्ड जैसी आईडी से की गई। वहीं, कुछ निकाय ऐसे भी थे जिनके लिए एक से अधिक दावेदार थे। ऐसे में अधिकारियों ने मृतकों की पहचान के लिए डीएनए सैंपलिंग का सहारा लिया। जिन शवों की पहचान नहीं हो सकी, उन्हें रखने के लिए कंटेनर आकार के फ्रीजर मंगवाए गए हैं।

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