ओडिशा रेल हादसाः सोशल मीडिया पर फूटा सरकार के खिलाफ गुस्सा, यूजर्स ने रेल मंत्री का वीडियो शेयर कर पूछा- कहां है ‘कवच’

ओडिशा रेल हादसाः सोशल मीडिया पर फूटा सरकार के खिलाफ गुस्सा, यूजर्स ने रेल मंत्री का वीडियो शेयर कर पूछा-…

ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटना के बाद सोशल मीडिया पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को यूजर्स जमकर ट्रोल कर रहे हैं। दरअसल, हादसे के बाद यूजर्स वैष्णव का एक पुराना वीडियो शेयर कर रहे हैं, जिसमें रेल मंत्री ‘कवच’ नामक डिवाइस के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसमें रेल मंत्री अधिकारियों को वीडियो प्रजेंटेशन के माध्यम से बता रहे हैं कि यह ‘कवच’ नामक यंत्र कैसे काम करता है? वह लाइव प्रजेंटेशन भी देते हैं जिसमें ‘कवच’ यंत्र से सुसज्जित दो ट्रेनें एक पटरी पर चल रही होती है। जब दोनों ट्रेन की दूरी 400 मीटर रहती है, उससे पहले ही दोनों ट्रेनों में ब्रेक लग जाता है। इसके बाद अश्विनी वैष्णव इसकी सफलता पर ताली भी बजाते हैं।

Odisha train accident: Anger against the government erupted on social media, users shared the video of the railway minister and asked - where is the 'armour'

वहीं सोशल मीडिया पर यूजर्स इस वीडियो को जमकर शेयर कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि आखिर कवच गया कहां? वहीं एक यूजर ने लिखा- कवच आखिर किसने निकाल लिया? वहीं इस दुर्घटना के बाद लोग मोदी सरकार पर जमकर बरस रहे हैं। सोशल मीडिया पर ये जमकर गुस्सा निकाल रहे हैं। कई यूजर्स रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। वहीं कई यूजर्स लिख रहे हैं कि आखिर इस हादसे की जिम्मेदारी किसकी है? कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी? वहीं, कवच डिवाइस को लेकर सरकार में भ्रष्टाचार की बात भी उठ रही है।

आखिर क्या है ‘कवच’ डिवाइस?

‘कवच’ को टक्कररोधी तकनीक कहते हैं। यह ट्रेन दुर्घटना को रोकने में मददगार होती है। अगर एक ही ट्रैक पर आमने-सामने दो ट्रेनें आ जाती हैं, तो दोनों ट्रेनों में लगे डिवाइस ‘कवच’ लोको पायलट को पहले ही जानकारी दे देता है। इससे ट्रेनों के आपस में टकराने की नौबत नहीं आती है। इससे ट्रेन एक निश्चित दूरी पर आकर रूक जाती है। ठंड के मौसम में कोहरे के कारण ट्रेनों की सामान्य गति 65 किलोमीटर प्रति घंटा रहती है, क्योंकि सिग्नल की सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है, जिसके कारण गति को कम कर दिया जाता है, लेकिन इस कवच डिवाइस से इंजन व रेलवे स्टेशन के पास बने टावर में लगी डिवाइस से सिग्नल सिस्टम और बेहतर हो जाता है। इससे ट्रेन की गति सामान्य से अधिक रखी जा सकती है। यदि लोको पायलट किसी परिस्थिति में ‘लाल सिग्नल’ के पास पहुंच जाता है और ट्रेन की स्पीड कम नहीं करता है तो एक निश्चित दूरी के बाद ट्रेन में स्वत: ब्रेक लग जाता है। यह कवच डिवाइस एक निश्चित दूरी के भीतर उसी ट्रैक पर दूसरी ट्रेन का पता लगा लेती है।

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