चंद्रमा के खजाने के लिए दौड़! भारत के बाद अब जापान, अमेरिका, चीन भी मैदान में

चंद्रमा के खजाने के लिए दौड़! भारत के बाद अब जापान, अमेरिका, चीन भी मैदान में भारत के चांद मिशन…

चंद्रमा के खजाने के लिए दौड़! भारत के बाद अब जापान, अमेरिका, चीन भी मैदान में

चंद्रमा के खजाने के लिए दौड़! भारत के बाद अब जापान, अमेरिका, चीन भी मैदान में
भारत के चांद मिशन पर पूरी दुनिया की नजर है। चंद्रयान-3 दक्षिणी ध्रुव पर उतरने और चंद्रमा की अलग-अलग तस्वीरें भेजने की दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। वहीं, इसरो के वैज्ञानिक भी लगातार चंद्रयान पर नजर बनाए हुए हैं। दुनिया की महाशक्तियों ने चंद्रमा पर अपना मिशन शुरू कर दिया है। रूस ने लूना-25 मिशन लॉन्च किया है और चंद्रयान-3 से पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है। चीन को खदेड़कर अमेरिका एक मिशन शुरू करने की तैयारी में है। चीन ने भी चंद्रमा पर एक मिशन की घोषणा की है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, रूस चांद पर खजाना खोजने के लिए सबसे पहले पहुंचना चाहता है।

नासा का आर्टेमिस मिशन

अंतरिक्ष वैज्ञानिक आसिफ सिद्दीकी के मुताबिक, अगर नासा का आर्टेमिस मिशन लॉन्च होता है तो वह भी चीन की तरह चंद्रमा की सतह तक पहुंचना चाहेगा। आने वाले दिनों में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी। दुनिया भर के देश एक-दूसरे से सहमत होकर आगे बढ़ेंगे।

चांद तक पहुंचने का दांव

चांद तक पहुंचने की एक और वजह भी है। चंद्रयान-3 भी चांद पर पहुंचकर पानी की तलाश करेगा। इस कारण दक्षिणी ध्रुव की ओर उतरने का लक्ष्य है। दुनिया भर की अंतरिक्ष एजेंसियों का मानना ​​है कि रॉकेट ईंधन का उपयोग अंतरिक्ष में लंबी यात्रा के लिए चंद्रमा पर सुरक्षित रूप से उतरने के लिए किया जा सकता है। मंगल मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यान को चंद्रमा पर लॉन्च पैड मिल सकता है। यदि चंद्रमा पर पानी मिल जाए तो पानी से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग करके ईंधन बनाया जा सकता है। चांद पर बेशकीमती खनिज हो सकते हैं। यही वजह है कि चांद तक पहुंचने की होड़ शुरू हो गई है।

चंद्रमा पर हीलियम-3

शोध के अनुसार, चंद्रमा पर हीलियम-3 है, जो पृथ्वी पर बहुत दुर्लभ है। नासा के मुताबिक चंद्रमा पर हीलियम-3 है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, हीलियम-3 का इस्तेमाल परमाणु ऊर्जा में भी किया जा सकता है। जिसकी खासियत यह है कि यह रेडियोधर्मी नहीं है, जिससे कोई खतरा नहीं होता है। साथ ही चंद्रमा पर स्मार्टफोन, कंप्यूटर, उन्नत तकनीक से जुड़े खनिज पदार्थ तो उपलब्ध हैं, लेकिन चंद्रमा पर खनन कैसे होगा, इसकी ठीक से जानकारी नहीं है।

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