‘विक्रम’ के चंद्रमा पर लैंड करने के 2 घंटे 26 मिनट बाद बाहर निकला रोवर ‘प्रज्ञान’, जानें क्या करेगा काम

‘विक्रम’ के चंद्रमा पर लैंड करने के 2 घंटे 26 मिनट बाद बाहर निकला रोवर ‘प्रज्ञान’, जानें क्या करेगा काम…

'विक्रम' के चंद्रमा पर लैंड करने के 2 घंटे 26 मिनट बाद बाहर निकला रोवर 'प्रज्ञान', जानें क्या करेगा काम

‘विक्रम’ के चंद्रमा पर लैंड करने के 2 घंटे 26 मिनट बाद बाहर निकला रोवर ‘प्रज्ञान’, जानें क्या करेगा काम
भारत ने सफलतापूर्वक चंद्रयान 3 को चांद की सतह पर उतारने में सफल रहा। लैंडर ‘विक्रम’ बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा पर उतर गया। लैंडर विक्रम की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद छह पहियों वाला प्रज्ञान रोवर रैंप से उतर गया। उतरने के करीब ढ़ाई घंटे बाद रोवर लैंडर से बाहर आया। इसने तस्वीरें भी भेजी है। रोवर 500 मीटर तक की यात्रा करेगा और इसरो को वहां के पानी और वातावरण के बारे में बताएगा।

इसरो के विक्रम लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग होते ही भारत ने स्वर्णिम इतिहास लिख दिया है। चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतर गया है। चंद्रमा के इस अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। भारत का चंद्रयान 3 मिशन मानव जाति के इतिहास में स्वर्णिम सूर्योदय माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण अफ्रीका से वर्चुअली इसरो से जुड़े थे। ‘चंद्रयान 2’ की विफलता से सीख लेते हुए इसरो वैज्ञानिकों ने ‘चंद्रयान ‘3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग सुनिश्चित की। चांद पर आखिरी 15 मिनट में इसरो वैज्ञानिकों द्वारा किए गए उन अहम बदलावों की वजह से भारत की जय-जयकार हो रही है। लैंडिंग के 2 घंटे बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर काम करना शुरू कर दिया।

चंद्रयान 3 मिशन का उद्देश्य क्या है?

1. चंद्र वायुमंडल में तापमान परिवर्तन को रिकॉर्ड करने के लिए।
2. चंद्रमा की सतह पर सौर हवा के प्रभाव पर ध्यान देना।
3. चंद्रमा की सतह पर पानी की संभावना से खनिजों की उपलब्धता की जांच करना।
4. चंद्रमा पर बर्फ की मात्रा और भूकंप की संभावना की जांच करना और भविष्य के मिशनों की योजना बनाना।

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