रुद्राक्ष धारण करने से होता है यह फायदा, जानिए कौन पहन सकता है इसे

रुद्राक्ष धारण करने से होता है यह फायदा, जानिए कौन पहन सकता है इसे हिंदू धर्म में रत्न आभूषणों का…

रुद्राक्ष धारण करने से होता है यह फायदा, जानिए कौन पहन सकता है इसे

हिंदू धर्म में रत्न आभूषणों का एक और महत्व है, जिनमें से एक है रुद्राक्ष, जो महादेव को अत्यंत प्रिय है। रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं, लेकिन सभी के अलग-अलग प्रभाव होते हैं। भगवान शिव की पूजा का प्रतीक होने के कारण इसे विभिन्न रूपों में ग्रहण किया जाता है। शिव पुराण में महिलाओं को रुद्राक्ष माला धारण करने की अनुमति है। इतना ही नहीं किसी भी जाति का व्यक्ति रुद्राक्ष या रुद्राक्ष की माला धारण कर सकता है। रुद्राक्ष एक से चौदह मुखी तक होता है।

क्या है रुद्राक्ष?

रुद्राक्ष एक पेड़ का बीज है, जो दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में उगता है। वनस्पति रूप में इसे एलोकार्पस ग्रान्ट्रस के रूप में जाना जाता है। इसे ‘शिव का आंसू’ भी कहा जाता है और भगवान शिव से जुड़ी कई कथाएं हैं जो रुद्राक्ष की उत्पत्ति के बारे में बताती हैं। रुद्राक्ष शब्द ‘रुद्र’ और ‘अक्ष’ से बना है। ‘रुद्र’ शिव का नाम है और ‘अक्ष’ का अर्थ है आंसू। शास्त्रों के अनुसार एक बार परमपिता भगवान शिव ने संसार के कल्याण के लिए हजारों वर्षों तक तपस्या की और एक बार उनका मन उदास हो गया और जब उन्होंने अपनी आंखें खोलीं तो आंसू की एक बूंद जमीन पर गिर पड़ी। उससे एक वृक्ष उत्पन्न हुआ जो रुद्राक्ष का वृक्ष था।

रुद्राक्ष को कैसे धारण करें?

नए रुद्राक्षों को कंडीशनिंग (सफाई की प्रक्रिया) करने के लिए उन्हें 24 घंटे के लिए शुद्ध घी में रखें और उसके बाद दूध में 24 घंटे के लिए भिगो दें। फिर इसे कपड़े से साफ कर लें। रुद्राक्ष को साबुन या किसी अन्य सामग्री से साफ न करें। इस कंडीशनिंग के कारण रुद्राक्ष का रंग बदल सकता है। जो बिल्कुल सामान्य है क्योंकि यह एक प्राकृतिक मनका है। रुद्राक्ष की कंडीशनिंग हर छह महीने में करनी चाहिए।

रुद्राक्ष धारण करने से क्या लाभ होते हैं?

रुद्राक्ष शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने में बहुत सहायक होता है। आध्यात्मिक लोगों में यह आध्यात्मिक वृद्धि में मदद करता है। इसका उपयोग पूरी दुनिया में कई मन विकारों के शरीर पर प्रभाव से संबंधित रोगों के उपचार में किया जाता है।

रुद्राक्ष कौन धारण कर सकता है?

कोई भी लिंग, धार्मिक या भौगोलिक पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति रुद्राक्ष को धारण कर सकता है। रुद्राक्ष किसी भी शारीरिक और मानसिक स्थिति में, किसी भी चरण में लोग पहन सकते हैं। रुद्राक्ष को बच्चे, विद्यार्थी, बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति भी धारण कर सकते हैं और उन्हें कई तरह के लाभ भी मिल सकते हैं।

रुद्राक्ष धारण करने के नियम

शास्त्रों में रुद्राक्ष के शुभ फल और प्रभाव के लिए खान-पान से जुड़ी कुछ बातों का पालन करना भी जरूरी माना गया है। नहीं तो यह शुभ फल देने के बजाय अदृश्य दोष देने लगता है। अतः रुद्राक्ष धारण करने के बाद मांस-मदिरा का त्याग करें, लहसुन-प्याज का त्याग करें, सत्य का आचरण करें, झूठे संग से बचें।

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