अपरा एकादशी व्रत करने से होती है मोक्ष की प्राप्ति, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

ज्येष्ठ मास के एकादशी तिथि को यानी आज के दिन 15 मई को अपरा एकादशी का व्रत है। अपरा एकादशी…

ज्येष्ठ मास के एकादशी तिथि को यानी आज के दिन 15 मई को अपरा एकादशी का व्रत है। अपरा एकादशी को अचला एकादशी भी कहते हैं। एकादशी के व्रत में श्रद्धालु भगवान विष्णु का व्रत दिन भर रहकर शाम के समय विधि पूर्ण तरीके से पूजा अर्चना करते हैं। आइए जानते हैं इस एकादशी के महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में।

Salvation is achieved by fasting on Apara Ekadashi
अपरा एकादशी का महत्व

साल भर में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को मिलाकर 24 एकादशी आती है, लेकिन विष्णु भक्तों के लिए अपरा एकादशी का एक अलग ही महत्व है। ज्येष्ठ मास के महीने में एकादशी तिथि को अपरा एकादशी का व्रत सभी श्रद्धालु अपनी श्रद्धा से दिनभर व्रत रखते हैं। इस व्रत को पूरी विधि विधान से करने से श्री हरि विष्णु भगवान की श्रद्धालुओं पर असीम कृपा बनी रहती है। एकादशी व्रत करने से मनुष्य के जीवन से भगवान सभी संकटों को हर लेते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इससे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।


अपरा एकादशी का शुभ मुहूर्त

15 मई 2023 को सोमवार को अपरा एकादशी व्रत
• एकादशी प्रारंभ तिथि- 15 मई 2023 सुबह 2:00 बज कर 6 मिनट
• एकादशी समाप्त तिथि 15 मई 2023 रात 1:03 मिनट तक
• एकादशी पारण का शुभ समय 16 मई 2023 को सुबह 6 बजकर 41 मिनट से सुबह 8 बजकर 13 मिनट तक

अपरा एकादशी व्रत की पूजा विधि

सुबह सूर्योदय के पहले उठकर स्नान करते समय गंगाजल मिलाकर स्नान करें। उसके बाद साफ कपड़े पहन कर विष्णु भगवान का ध्यान अपने मन में करें। पूर्व दिशा की ओर एक बटले पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या फोटो को स्थापित करें। इसके बाद प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं और कलश स्थापित करें। भगवान विष्णु को पान, सुपारी, नारियल, लौंग, फूल आदि अर्पण करें और खुद भी पीला स्थान ग्रहण करें।

उसके बाद दाएं हाथ में गंगाजल लेकर अपनी मनोकामना को मन में ध्यान करके विष्णु भगवान से प्रार्थना करनी है और इस व्रत में पूरा दिन निहारा रहकर शाम के समय अपरा एकादशी की व्रत की कथा सुनाएं के बाद फलाहार कर सकते हैं। शाम के समय विष्णु भगवान की प्रतिमा के सामने गाय का घी का दीपक प्रज्वलित करें। ऐसा माना जाता है जो लोग एकादशी का व्रत नहीं कर रहे हैं, वह उस दिन चावल ग्रहण ना करें। ऐसा करने से एकादशी के दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से विष्णु भगवान की कृपा घर पर बनी रहती है।

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *