अब एंड्रॉयड नहीं, यूज करें स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम ‘BharOS’, जानें क्या हैं इसके 5 बड़े फायदे

भारत खुद अपना स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने जा रहा है। आज केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री और केंद्रीय…

bharosभारत खुद अपना स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने जा रहा है। आज केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने IIT मद्रास द्वारा विकसित मेड इन इंडिया मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम ‘BharOS’ का परीक्षण किया। यह ऑपरेटिंग सिस्टम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मिशन को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। यह एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसे IIT मद्रास द्वारा विकसित किया गया है। BharOS मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम का उद्देश्य इसके निर्माताओं के अनुसार यूजर्स को अधिक आजादी, ताकत और लाचीलापन प्रदान करना है।

यह मोबाइल ओएस बिना किसी प्री-लोडेड ऐप्स के आता है। आप Android स्मार्टफोन की तरह देसी ओवर-द-एयर अपडेट प्राप्त कर सकते हैं। डेवलपर्स के अनुसार, यूजर्स की आवश्यकता के बिना डिवाइस पर नोटा अपग्रेड डाउनलोड और इंस्टॉल किया गया है। हालांकि, नोटिफिकेशन सेटिंग्स, बैटरी मॉनिटरिंग, होम स्क्रीन विजेट और प्राइवेसी ऑप्शंस के बारे में डिटेल्स अभी तक सामने नहीं आया है।

स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम के 5 फायदे:-

1. इस मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में यूजर्स अपनी जरूरत के हिसाब से डिफॉल्ट ऐप्स जैसे गूगल क्रोम, जीमेल, यूट्यूब को डिलीट कर सकते हैं।
2. आजकल हर किसी के मोबाइल में गूगल में जीमेल, क्रोम, यूट्यूब जैसे डिफॉल्ट ऐप्स और आईओएस सॉफ्टवेयर होते हैं, जिन्हें यूजर्स चाहकर भी हटा नहीं सकते। इस ऑपरेटिंग सिस्टम से यूजर्स के मोबाइल ऐप्स के लिए काफी स्पेस मिलेगा।
3. ‘BharOS’ एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है जो यूजर्स को ज्यादा कंट्रोल देता है। यूजर्स अपने मोबाइल में अपनी इच्छा के ऐप्स को यूज कर सकते हैं।
4. फिलहाल यूजर्स को मोबाइल में सॉफ्टवेयर अपडेट के लिए इंतजार करना पड़ता है। लेकिन BharOS की ओर से यूजर्स को समय पर सॉफ्टवेयर अपडेट उपलब्ध कराया जाएगा।
5. स्मार्टफोन यूजर्स को ओएस के लिए गूगल पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में Google कुछ हद तक चार्ज भी करता है। लेकिन BharOS के लॉन्च के बाद स्मार्टफोन की कीमत में भी कमी आ सकती है।

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