देश का सबसे बड़ा रेल हादसा, जिसमें ट्रेन के 9 डिब्बे नदी में गिरे, 800 लोगों की हुई थी मौत

ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम भीषण ट्रेन हादसा हो गया। बहनागा स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी के…

ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम भीषण ट्रेन हादसा हो गया। बहनागा स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी के बीच टक्कर हो गई। इस हादसे में अब तक 238 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हालांकि, यह देश का पहला बड़ा रेल हादसा नहीं है। इससे पहले भी भारत में कई भीषण ट्रेन हादसे हो चुके हैं।

The country's worst rail accident, in which 9 coaches of the train fell into the river, 800 people died

42 साल पहले हुआ बिहार रेल हादसा देश का सबसे बड़ा रेल हादसा माना जाता है। 6 जून 1981 का दिन था। मानसी-सहरसा रेल खंड पर बदला घाट-धमारा घाट स्टेशन के बीच बागमती नदी पर बने ब्रिज नंबर 51 पर यात्रियों से भरी ट्रेन पलट गई। इस ट्रेन में कुल 9 कोच थे। यह ट्रेन मानसी से सहरसा जा रही थी। इस हादसे में 800 लोगों की मौत हुई थी।

जानिए कैसे हुआ था हादसा?

जानकारी के अनुसार ट्रेन 6 जून 1981 को मानसी तक सकुशल आगे बढ़ रही थी। ट्रेन दोपहर 3 बजे बदला घाट पहुंची। कुछ मिनट रुकने के बाद ट्रेन धीरे-धीरे धमारा घाट की ओर बढ़ी। मौसम खराब होने पर ट्रेन कुछ दूर चल चुकी थी। तेज आंधी के बाद बारिश शुरू हो गई। तब तक ट्रेन रेलवे ब्रिज नंबर 51 पर पहुंच चुकी थी। जब ट्रेन अपनी रफ्तार से चल रही थी, तभी ट्रेन के चालक ने अचानक ब्रेक लगा दिया, जिसके बाद पैसेंजर ट्रेन की 9 बोगियां पुल से बागमती नदी में जा गिरी। कई दिनों तक ट्रेन के कोच में कई लोगों के शव फंसे रहे।

आधिकारिक आंकड़ा 300 का था

वहीं, आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस हादसे में मरने वालों की संख्या 300 थी। लेकिन, स्थानीय लोगों के मुताबिक इस हादसे में करीब 800 लोगों की मौत हुई थी। इस हादसे को देश के सबसे भीषण ट्रेन हादसे के तौर पर याद किया जाता है।

त्रासदी के पीछे कई सिद्धांत

इस त्रासदी के पीछे कई थ्योरी सामने आई हैं। कहा जाता है कि जब ट्रेन बागमती नदी को पार कर रही थी, तो ट्रैक पर गायों और भैंसों का झुंड आ गया और चालक ने उन्हें बचाने के लिए ब्रेक मारा। कहा तो यह भी जाता है कि उस समय भारी बारिश हो रही थी, आंधी चल रही थी। जिससे लोगों ने ट्रेन की सभी खिड़कियां बंद कर दी और तेज आंधी के कारण सारा दबाव ट्रेन पर आ गया और बोगी नदी में डूब गई। हालांकि, चालक ने ब्रेक क्यों लगाया, इसका खुलासा आज तक नहीं हो सका है।

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