मुंबई पहुंचा ऐतिहासिक जीत दिलाने वाला एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत, जानिए क्या है इसकी खूबी

समुद्री सीमा को सुरक्षित बनाने रखने के लिए भारत के पास मौजूदा समय में दो एयरक्राफ्ट कैरियर है। उसी में…

समुद्री सीमा को सुरक्षित बनाने रखने के लिए भारत के पास मौजूदा समय में दो एयरक्राफ्ट कैरियर है। उसी में से आईएनएस विक्रांत सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर गिना जा रहा। इस खास एयरक्राफ्ट में एक बार में 36 लड़ाकू विमानों को तैनात करने की क्षमता है। रुस-यूक्रेन युद्ध करीब एक साल से चल रहा है। वहीं पड़ोसी देश चीन ताइवान पर निगाहें टिकाए हुए है। ऐसे में भारत के लिए भी काफी चुनौतियां है। दोनों ओर से शत्रुओं को शिकस्त देने के लिए भारत को जल, थल और आकाश में अपनी घेराबंदी पर मजबूती देने के तमाम प्रयास कर रहा है।

INS vikrant
भारत के पास दो तो पाकिस्तान के पास एक भी नही

समुद्री सीमा में भारत को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारत के पास मौजूदा समय में 2 एयरक्राफ्ट कैरियर है। वहीं चीन के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर मौजूद है। जबकि पड़ोसी देश पाकिस्तान के पास वर्तमान में एक भी नहीं है। बता दें कि स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत सेना में शामिल होने के बाद पहली बार मुंबई आया है।

INS विक्रांत एयरक्राफ्ट का ऐतिहासिक महत्व

भारत के इतिहास में आईएनएस विक्रांत एयरक्राफ्ट काफी महत्व रखता है क्योंकि यह पहला ऐसा एयरक्राफ्ट कैरियर है, जिसने 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान को घुटने के बल लाकर खड़ा कर दिया था। साल 1997 में ये खास आईएनएस विक्रांत रिटायर हो चुका था। अब जाकर नौ सेना ने विक्रांत का नया वर्जन लॉन्च किया है। इसकी खासियत का जिक्र करें तो विक्रांत पहले की अपेक्षा कहीं अधिक ताकतवर और आधुनिक तकनीक से बना है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ये जीता जागता उदाहरण है।

45 हजार टन का INS विक्रांत

आपको यह जानकर काफी दिलचस्प लगेगा कि आईएनएस विक्रांत वजन के लिहाज में काफी भारी है। इसका वजन लगभग 45000 टन है। इसकी और एक खासियत है कि इसका हैंगर एरिया, वो करीब 22 मीटर चौड़ा और 182 मीटर के आसपास लंबा है। इस जलपोत में लगभग 22 एयरक्राफ्ट और नौसेना पार्क हो सकते हैं। यही नहीं, इस हैंगर में फायर बैरियर की तरह मॉर्डन तकनीक इस्तेमाल की गई है, जोकि आग लगने के हालात में हैंगर को लगभग दो हिस्सो मे बांट देगी, जिससे आग पूरे हैंगर में फैलने से बच जाए।

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