- spiritual
- February 7, 2023
- No Comment
- 1 minute read
18 फरवरी को है महाशिवरात्रि, जानिए कैसे कर सकते हैं देवादिदेव महादेव को प्रसन्न
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, सभी देवी-देवताओं में अगर कोई एक देवता है जिसे प्रसन्न करना आसान है, तो…
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, सभी देवी-देवताओं में अगर कोई एक देवता है जिसे प्रसन्न करना आसान है, तो वह देवादिदेव महादेव हैं। महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि का महत्व और कैसे और किस प्रकार की पूजा से भगवान महादेव को प्रसन्न किया जा सकता है।
इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन, भक्त भगवान शिव का व्रत रखते हैं और उनसे अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करते हैं। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। शिव पुराण में उल्लेख है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग से सृष्टि की शुरुआत हुई थी। इस दिन भगवान विष्णु और ब्रह्मा ने सबसे पहले शिवलिंग की पूजा की थी। तभी से हर युग में भगवान शिव की पूजा और इस दिन व्रत करने की परंपरा चली आ रही है।
उपवास विधि
शिवरात्रि पर सूर्योदय से पहले उठकर गंगाजल और काले तिल मिश्रित जल से स्नान करें। उसके बाद व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन शिवजी की पूजा करें। व्रत या उपवास में अनाज का सेवन न करें। पुराणों में उल्लेख है कि इस दिन पूरे दिन बिना पानी पिए रहना चाहिए। जानकारों के मुताबिक अगर आप इतना कठोर व्रत नहीं कर सकते तो फल, दूध और पानी पी सकते हैं। इस व्रत में सुबह-शाम स्नान के बाद शिव मंदिर में दर्शन के लिए जाना चाहिए।
शिव पूजा की विधि
महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। जल से भरे कलश को पूजा स्थान पर स्थापित करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। भगवान शिव को सुपारी, लौंग, इलायची, चंदन, दूध, दही, घी, शहद आदि अर्पित करें। शिवपुराण में वर्णित कथा के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है।