G-20 बैठक से पहले ही नागपुर में भीख मांगने वालों पर लगाई पाबंदी, दोषी पाए जाने पर होगी ये सजा

नागपुर की सड़कों पर अब आपको भीख मांगते भिखारी नजर नही आएंगे, क्योंकि नागपुर पुलिस ने भिखारियों पर बैन लगा…

नागपुर की सड़कों पर अब आपको भीख मांगते भिखारी नजर नही आएंगे, क्योंकि नागपुर पुलिस ने भिखारियों पर बैन लगा दिया है। नागपुर पुलिस के प्रमुख का मानना है कि रोड पर भिखारियों की उपस्थिति से शहर की छवि खराब होती है। उनका कहना है कि भी भिखारी भीख न मिलने की स्थिति में हंगामा मचाने लग जाते हैं, ऐसे में इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगना चाहिए।

G-20 शिखर सम्मेलन की बैठक से ठीक पहले नागपुर में ये बदलाव किया गया है। इसके तहत भीख मांगने वालों पर अब बैन लगा दिया गया है। शहर के पुलिस प्रमुख अमितेश कुमार ने इस संदर्भ में आदेश जारी किया है। उन्होंने बीते बुधवार यानी कि 8 मार्च को धारा 144 के अंतर्गत अधिसूचना जारी की है। इसमें व्यक्तियों अथवा समूहों को भीख मांगने या यात्रियों को पैसे देने के लिए दबाव देने पर रोक लगाई गई है।

G-20 2023

वहीं ये नियम 30 अप्रैल तक सख्ती से लागू रहेगा। अमितेश कुमार का कहना है कि ये खास निर्णय 19-20 मार्च को आयोजित होने वाली G-20 शिखर सम्मेलन और बैठकों को ध्यान में रखकर लिया गया है। पुलिस प्रमुख ने इस चीज को रेखांकित किया कि तमाम अधिकारी आपत्तिजनक कार्यों में भी शामिल होने लगे हैं, जोकि जबरजस्ती लोगों को पैसे देने के लिए दबाव डालते हैं। अमितेश ने आगे बताया कि भिखारी यातायात को सही ढंग से संचालित करने में भी रोड़े अटकाते हैं।

दोषी पाए जाने पर होगी जेल

आपको बता दें कि नागपुर पुलिस के प्रमुख ने इस अहम बदलाव को लागू करते हुए लोगों को बताया कि अगर कोई भी शख्स सार्वजनिक स्थान पर किसी से भीख मांगते नजर आता है तो ऐसे में उसे 1 से 6 महीने तक की समय अवधि के लिए जेल में भेजा जाएगा। उनका कहना था कि मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखकर कानून की अन्य धाराओं को लागू करने की योजना है।

ट्रांसजेंडरों पर बैन लग चुका है बैन

इससे पूर्व अमितेश ने ट्रांसजेंडरों को सार्वजनिक स्थानों पर चंदा मांगने पर रोक लगाई थी। जैसे कि ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगने से रोकने के लिए सीपीआरसी की धारा 144 लगाई थी। इससे उन्हें शादी या कुछ ऐसे जगहों पर चंदा मांगने पर पाबंदी लगाई गई थी, जबकि बाद में पुलिस प्रमुख ने इन नियमों में कुछ ढील दी थी। उनका कहना है कि अगर कोई ट्रांसजेंडर आमंत्रण भेजता है तो वो बेशक ऐसे स्थानों पर जा सकते हैं।

इस वजह से फैसला लिया गया

अमितेश कुमार ने बीते बुधवार को बताया कि सड़कों पर भिखारियों की मौजूदगी दर्ज होने से शहर का नाम और उसकी छवि खराब होती जा रही है। उनका कहना था कि वाहन चालकों से भीख न मिलने पर वे उपद्रव मचाते हैं। यही नहीं, भिखारी पैदल चलने वालों को भी नहीं बख्श रहे। ये लोग ट्रैफिक लाइटों और सड़क के डिवाइडरों और फुटपाथ पर अनाधिकृत रूप से कब्जा जमा लेते हैं।

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