अब फिल्मों की पायरेसी पर लगेगा भारी जुर्माना और होगी जेल की सजा, लोकसभा में नया बिल पारित

फिल्मों की पायरेसी पर लगेगा भारी जुर्माना- फिल्मों की पायरेसी पर रोक लगाने के लिए सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक लोकसभा में…

फिल्मों की पायरेसी पर लगेगा भारी जुर्माना

फिल्मों की पायरेसी पर लगेगा भारी जुर्माना- फिल्मों की पायरेसी पर रोक लगाने के लिए सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक लोकसभा में सोमवार को पारित हो गया। इस विधेयक का उद्देश्य फिल्मों की पायरसी को रोकने एवं केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा दिए गए आयु-आधारित प्रमाणन में सुधार लाने के साथ सभी प्लेटफार्मों पर फिल्मों एवं सामग्री के वर्गीकरण में एकरूपता लाना है। महत्वपूर्ण है कि यह बिल पहले ही राज्यसभा से पास हो गया है और अब राष्ट्रपति के अनुमोदन देते ही यह संशोधन प्रभाव में आ जाएगा।

फिल्म जगत से जुड़े लोगों को विधेयक से फायदा

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सोमवार को सदन के पटल पर सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक 2023 पर विचार-विमर्श करने एवं पारित करने के लिए पेश किया था। केंद्रीय मंत्री ने सदन में इस विधेयक पर चर्चा के बाद बयान देते हुए कहा कि इस विधेयक का पारित होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह विधेयक फिल्म जगत से जुडे लोगों के अधिकारों का संरक्षण देने वाला एवं उनके हितों की रक्षा करने वाला है।

पायरेसी के कारण होता था नुकसान

वर्ष 1952 के बाद 1981 में एक संशोधन और अब सालों बाद भारतीय सिनेमा में काफी कुछ बदला है। बात करें पाइरेटेड फिल्मों की तो इंटरनेट के माध्यम से कुछ ही सेकंड में पाइरेटेड फिल्म लाखों जगह भेजी जा सकती है, जिससे फिल्म बनाने वाले को और फिल्म उद्योग को काफी नुकसान होता है। महत्वपूर्ण है कि सिनेमैटोग्राफी अधिनियम 1952 को यह विधेयक संशोधित करेगा।

इस विधेयक में सजा एवं जुर्माने का प्रावधान?

संसद में विधेयक पास होने के बाद फिल्मों के सर्टिफिकेशन में कुछ नई कैटेगरीज जैसे कि UA 7, UA 13, एवं UA 16 को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त बिना अनुमति के फिल्म की कॉपी बनाने वाले व्यक्ति को तीन महीने से लेकर तीन साल तक की जेल भी हो सकती है और उस पर 3 लाख का जुर्माना भी लग सकता है।

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