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- July 4, 2023
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आपने विज्ञापन पर कितना खर्च किया? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से 3 साल का हिसाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार से पिछले तीन वित्तीय वर्षों में विज्ञापनों पर हुए खर्च का हिसाब मांगा…
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार से पिछले तीन वित्तीय वर्षों में विज्ञापनों पर हुए खर्च का हिसाब मांगा है। इस मामले में कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को नोटिस भेजा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगते हुए दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने आरआरटीएस परियोजना में दिल्ली सरकार के योगदान नहीं देने पर यह आदेश दिया।
दरअसल, दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया था कि बजट की कमी के कारण सरकार आरआरटीएस प्रोजेक्ट (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) के लिए फंड खर्च नहीं कर पाई है। एमसी मेहता मामले की सुनवाई कर रही पीठ को बताया गया कि दिल्ली सरकार इस परियोजना के लिए धन देने को तैयार नहीं है। यह परियोजना दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर से संबंधित है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के मामले में भी ऐसा ही किया।
तीन वर्षों में विज्ञापन पर हुए खर्च का ब्योरा दें
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। पीठ ने कहा कि विज्ञापन पर खर्च करने के लिए पैसा है लेकिन आरआरटीएम परियोजनाओं पर खर्च करने के लिए नहीं। इसके साथ ही दिल्ली सरकार से विज्ञापनों पर किए गए खर्च का ब्योरा मांगा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन साल में विज्ञापनों पर जितनी रकम खर्च की गई, उतनी दिल्ली सरकार ने खर्च की है। इस संबंध में उन्हें दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करना होगा।