- ख़बरें
- June 19, 2023
- No Comment
- 1 minute read
‘आदिपुरुष’ के पटकथा लेखक मनोज मुंतशिर को जान का खतरा, मुंबई पुलिस से मिली सुरक्षा
‘आदिपुरुष’ फिल्म को लेकर लगातार विवाद बढ़ रहा है। ‘आदिपुरुष’ में दिखाए गए संवाद पर देश भर के दर्शक बहस…
‘आदिपुरुष’ फिल्म को लेकर लगातार विवाद बढ़ रहा है। ‘आदिपुरुष’ में दिखाए गए संवाद पर देश भर के दर्शक बहस कर रहे हैं। इन सबके बीच लेखक मनोज मुंतशिर ने मुंबई पुलिस से सुरक्षा मांगी है। फिल्म को लेकर चल रहे विवाद के बाद लेखक ने अपनी जान को खतरा होने की आशंका जताई है। बहरहाल, मुंबई पुलिस ने तमाम परिस्थितियों को देखने के बाद मुंतशिर की अर्जी मंजूर कर ली है।
फिल्म में इन डायलॉग्स को लेकर विरोध हो रहा-
1. जब हनुमान लंका जाते हैं, तो एक राक्षस उनसे पूछता है, ‘ये लंका तेरी बुआ का बागदी है जो हवा खाने चला आया..।’
2. सीता से मिलने के बाद जब हनुमान राक्षस को लंका में बंदी बना लेते हैं तो मेघनाथ उनकी पूंछ में आग लगाकर पूछते हैं- जली क्या? तब हनुमान कहते हैं, ‘तेल तेरे बाप का, कपड़े तेरे बाप का और जलेगी भी तेरे बाप की’
3. जब हनुमान लंका से लौटते हैं और राम उनसे पूछते हैं कि क्या हुआ, तो हनुमान जवाब देते हैं कि ‘बोल दिया, जो हमारी बहनों को हाथ लगा उनकी लंका लगा देंगे’।
4. लक्ष्मण पर हमला करने के बाद, इंद्रजीत कहते हैं, ‘मेरे एक सपोले ने तुम्हारा इस शेष नागानो लंग कर दिया, अभी तो पूरा पितरा भरा पड़ा’।
फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग
फिल्म आदिपुरुष को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है। फिल्म निर्माताओं पर हिंदू भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया है। संत समाज भी फिल्म का विरोध कर रहा है और बैन की मांग कर रहा है। इतना ही नहीं बीजेपी समेत तमाम राजनीतिक ताकतों के नेता भी इस फिल्म पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं।