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- January 10, 2023
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17 वें प्रवासी भारतीय दिवस के अतिथि ने की पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ
17 वें प्रवासी भारतीय दिवस के अतिथि ने की पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ 17 वा प्रवासी भारतीय दिवस- इंदौर…
17 वें प्रवासी भारतीय दिवस के अतिथि ने की पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ
17 वा प्रवासी भारतीय दिवस- इंदौर मे आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने गुयाना के राष्ट्रपति डाॅ.मोहम्मद इरफान अली से मुलाकात की। गुयाना के राष्ट्रपति इंदौर मे आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय दिवस के मुख्य अतिथि है।
आइए जानते है मुलाकात के दौरान किन विषयो पर हुई चर्चा।
गुयाना के राष्ट्रपति और पीएम मोदी की मुलाकात के दौरान ऊर्जा, बुनियादी ढांचे के विकास, फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिक एवं नवाचार और रक्षा संबंधो के क्षेत्र में सहयोग सहित मुद्दो पर व्यापक चर्चा की। गौरतलब है कि दोनो देशो के बीच मित्रता के 180 साल पुराने एतिहासिक संबंध है जिसे और मजबूत करने पर दोनो नेताओं ने सहमति व्यक्त की।
गुयाना के राष्ट्रपति ने व्यक्त किया पीएम मोदी का आभार
17 वा प्रवासी भारतीय दिवस- 8 से 14 जनवरी तक गुयाना के राष्ट्रपति डाॅ.मोहम्मद इरफान अली भारत के आधिकारिक दौरे पर है और इस दौरान वो इंदौर के अलावा दिल्ली, कानपुर, बेंगलूरु और मुंबई भी जायेंगे। गुयाना के राष्ट्रपति ने कहा की कोरोनाकाल के दौरान जब कई देशो ने अपने बोर्डर लाॅक कर दिए थे तब भारत ने आगे चलकर दुनिया की मदद की थी, और इसी के साथ गुयाना के राष्ट्रपति ने वैक्सिन की मदद के लिए पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया और साथ ही कहा की भारत हंमेशा प्रगतिशील देशो की मदद के लिए खडा रहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ द्विपक्षीय वार्तालाप
गुयाना के राष्ट्रपति डाॅ. मोहम्मद इरफान अली आज प्रवासी भारतीय दिवस के समापन सत्र और प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार समारोह में भाग लेंगे । और इसी दौरान वे भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मूके साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेगे। वे 11 जनवरी को इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में भी हिस्सा लेंगे।
आइए जाने भारत और गुयाना के संबंध कैसे है
गुयाना , दक्षिण अमेरिका के उत्तरपूर्वी कोने में स्थित एक देश है। भारत और गुयाना दोनो ही देश एक समय में ब्रिटिश औपनिवेशिक साम्राज्य का हिस्सा थे।
मई 1965 में गुयाना के जॉर्ज टाउन में भारतीय आयोग की स्थापना की गई थी।
1968 में इस आयोग को पूर्णकालिन भारतीय उच्चायोग बना दिया गया था।
1838 में अधिकांश गुयाना वासी जो की भारतीयों के वंशज है जिन्हे गन्ना बागानों में ठेका मजदूरों के रूप में कैरिबियन देशो में लाया गया था । बाद में यह लोग वही बस गए थे।
गौरतलब है कि , गुयाना में भारतीय मूल के लोगो की आबादी वर्तमान में 3 लाख से भी ज्यादा है जो वहा का सबसे बडा जातीय समुदाय है।
वर्तमान में सरकारो के बदलने से भी दोनो देशो के संबंध पर कोई प्रभाव नहीं पडा है।