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- February 21, 2023
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अमेरिकी सैन्य ठिकाने को विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाएगा अफगानिस्तान, मजबूत होगी अर्थव्यवस्था
अमेरिकी सैन्य ठिकाने को विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाएगा अफगानिस्तान, मजबूत होगी अर्थव्यवस्था तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर नियंत्रण कर…
अमेरिकी सैन्य ठिकाने को विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाएगा अफगानिस्तान, मजबूत होगी अर्थव्यवस्था
तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर नियंत्रण कर लिया है और तालिबान अमेरिकी सैन्य अड्डे को एक व्यापारिक केंद्र के रूप में उपयोग करने की योजना बना रहा है। आर्थिक मामलों के कार्यकारी उप प्रधानमंत्री ने कहा है कि तालिबान कुछ पूर्व विदेशी सैन्य ठिकानों को विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में बदलने जा रहा है। तालिबान का मानना है कि व्यापार और निवेश के माध्यम से देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ाया जा सकता है।
इससे पहले, विश्व बैंक ने कहा था कि अफगानिस्तान का निर्यात बढ़ रहा है और तालिबान शासन अधिकांश राजस्व को स्थिर रखने में सक्षम रहा है। पायलट योजना के तहत, काबुल और उत्तरी बल्ख प्रांत में ऐसे ठिकानों को पहले विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में परिवर्तित किया जाएगा। अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से तालिबान पर कई तरह की पाबंदियां लगी हुई हैं। पाबंदियों ने तालिबान की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। अगस्त 2021 में जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, तब से वह बिना किसी विदेशी मदद के आगे बढ़ रहा है।
82 लाख करोड़ के संसाधन अफगानिस्तान में!
अफगानिस्तान में बहुत सारे प्राकृतिक संसाधन हैं, जैसे गैस, तांबा आदि। ऐसे कई दुर्लभ तत्वों जैसे प्राकृतिक संसाधनों की कीमत एक लाख डॉलर (लगभग 82 लाख करोड़ रुपये) आंकी गई है। हालांकि, देश में उथल-पुथल के कारण उन संसाधनों में से अधिकांश का अभी तक उपयोग नहीं किया गया है।
तेल खनन के लिए चीन से समझौता
वर्तमान में तालिबान को किसी भी देश से कोई आधिकारिक मान्यता प्राप्त नहीं है। हालांकि तालिबान अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए भारत और चीन समेत कई अन्य देशों से बातचीत कर रहा है। इस साल की शुरुआत में, तालिबान ने उत्तरी अफगानिस्तान में तेल की खुदाई के लिए एक चीनी कंपनी के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए है। यह समझौता करीब 5000 करोड़ रुपए का है। सत्ता में आने के बाद तालिबान ने यह पहला बड़ा सौदा किया है