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- July 10, 2023
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राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव, कांग्रेस ने दिल्ली में की अहम बैठक, लिए गए चार बड़े फैसले
राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय से चली आ रही तनातनी खत्म हो गई है। दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय (एआईसीसी मुख्यालय)…
राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय से चली आ रही तनातनी खत्म हो गई है। दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय (एआईसीसी मुख्यालय) में आज हुई कांग्रेस की अहम बैठक में चार बड़े फैसलों पर सहमति बनी। कांग्रेस का सबसे बड़ा फैसला राजस्थान में बिना मुख्यमंत्री चेहरे के विधानसभा चुनाव में उतरना है। बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने लिए गए फैसलों की जानकारी दी।
पहली सूची सितंबर के पहले सप्ताह में
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उम्मीदवारों की सूची सितंबर के पहले सप्ताह में घोषित की जाएगी। हालांकि, उन्होंने सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शांति के किसी फॉर्मूले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी चुनाव जीतने में सक्षम उम्मीदवार को ही टिकट देगी। इस बैठक में शामिल नेताओं ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि अगर पार्टी में एकजुटता रही तो कांग्रेस राजस्थान चुनाव जीत सकती है। इस बैठक में सभी नेताओं ने मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। यह भी निर्णय लिया गया कि अगले चुनाव में उम्मीदवारों का चयन उनकी जीतने की क्षमता के आधार पर किया जाएगा।
बैठक के बाद सचिन पायलट ने क्या कहा?
बैठक के बाद कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि बैठक में सभी मुद्दों पर सार्थक, व्यापक और महत्वपूर्ण चर्चा हुई। हमारा संगठन नेताओं, विधायकों और सभी मंत्रियों के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने कहा, ”जैसा कि मैंने हमेशा कहा है, हमारा लक्ष्य है कि राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार कैसे बने। इस बैठक में हिस्सा लेने वाले 29 नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा शामिल थे।
इन चार मुद्दों पर बनी सहमति
1. राजस्थान में कांग्रेस के पास कोई मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं होगा। पार्टी मिलकर चुनाव लड़ेगी।
2. राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के लिए नियम बनाए जाएंगे। पेपर लीक पर विधानसभा में आएगा कानून।
3. राजस्थान में इस बार कांग्रेस में टिकट के लिए उम्मीदवारों का चयन सितंबर के पहले हफ्ते में किया जाएगा।
4. अब पार्टी में नहीं होगी बयानबाजी। सरकार के अभियान के साथ-साथ पार्टी का भी अभियान शुरू होगा।