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- January 27, 2023
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भारत में होगा शंघाई शिखर सम्मेलन, पाकिस्तान को भी भेजा गया निमंत्रण, अभी तक नहीं किया स्वीकार
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन मई 2023 में गोवा में आयोजित होने वाला है। भारत ने विदेश मंत्रियों के सम्मेलन…
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन मई 2023 में गोवा में आयोजित होने वाला है। भारत ने विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान और चीन सहित एससीओ के सभी सदस्य देशों को आमंत्रित किया है, लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वह इस सम्मेलन (एससीओ) में भाग लेगा या नहीं। भारत सरकार ने विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को इसमें हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है, लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वह इस सम्मेलन निमंत्रण स्वीकार करेगा या नहीं।
एससीओ कुछ देशों का एक समूह है, जिसमें पाकिस्तान और भारत भी शामिल है। भारत वर्तमान में एससीओ परिषद की अध्यक्षता कर रहा है। इसका अर्थ है कि वह अगले दो वर्षों में एक शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा। भारत सितंबर में नौ देशों के इस समूह के सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. बता दें भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध लंबे समय से तनावपूर्ण बने रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान सरकार धारा 370 के मुद्दे को लेकर अपनी चिंता जता चुके हैं। पिछले महीने, पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में एक भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री की आलोचना की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी और वहां के विदेश मंत्री भारत के नहीं बल्कि आरएसएस के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री हैं. इससे दोनों देशों के बीच दरार पैदा हो गई।
20 साल से चल रहे इस संगठन में रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान और चार मध्य एशियाई देशों- कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सहित देशों का एक समूह है। ईरान भी इस समूह में शामिल हो चुका है और वह पहली बार भारतीय अध्यक्षता में पूर्ण सदस्य के रूप में बैठक में हिस्सा लेगा। शंघाई सहयोग संगठन की आखिरी बैठक उज्बेकिस्तान में हुई थी। यह संगठन उन देशों का एक समूह है जो अपने व्यापार और सुरक्षा संबंधों जैसे मुद्दों पर सहयोग करने में मदद करता है।
आखिरी बार 2011 में भारत आईं थी हिना रब्बानी खार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान की यात्रा की थी। एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ स्टेट मीटिंग 2019 के बाद यह पहली व्यक्तिगत शिखर बैठक है। इस साल एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक रूस-यूक्रेन युद्ध और जी-20 अध्यक्ष के रूप में भारत की भूमिका के मद्देनजर हो रही है। बता दें, अगर पाकिस्तान की तरफ इस सम्मेलन में हिस्सा लेने का निमंत्रण स्वीकार किया जाता है तो 2011 के बाद से किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री के द्वारा पहली विदेश यात्रा होगी। 2011 में तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत की यात्रा की थी.