विदेशों में हो रही भारतीय मुद्रा की चर्चा, अब ये देश भारत के साथ रुपए में करेगा कारोबार!

जैसे-जैसे भारत आर्थिक रूप से मजबूत होता जा रहा है, उसकी मुद्रा की मांग भी बढ़ती जा रही है। कई…

जैसे-जैसे भारत आर्थिक रूप से मजबूत होता जा रहा है, उसकी मुद्रा की मांग भी बढ़ती जा रही है। कई देश अब भारत के साथ डॉलर में कारोबार करने की बजाय भारतीय मुद्रा में कारोबार कर रहे हैं। अब इन देशों में एक और नाम जुड़ गया है। यह देश भारत का पड़ोसी है और इसके भारत के साथ अच्छे राजनीतिक और व्यापारिक संबंध हैं। खास बात यह है कि यह देश डॉलर पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए भारतीय मुद्रा में कारोबार करेगा। इसके लिए वह तैयारी कर रहे हैं।

Indian currency is being discussed abroad, now this country will do business with India in rupees!

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश डॉलर के बजाय भारतीय मुद्रा में कारोबार करने की तैयारी कर रहा है। जल्द ही यह भारत के साथ भारतीय मुद्रा यानी रुपये में व्यापार करेगा। कहा जा रहा है कि बांग्लादेश के इस कदम से भारत को भी फायदा होगा। इससे दोनों देशों के लिए लेनदेन लागत कम हो जाएगी। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेश ने विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ कम करने के लिए यह फैसला लिया है।

सोनाली बैंक भी ऐसी ही तैयारी कर रहा है

बांग्लादेश भारत का पड़ोसी देश है। दोनों देशों की सीमाएं एक दूसरे से मिलती हैं। दोनों देशों के बीच हर साल हजारों करोड़ रुपये का व्यापार होता है। अभी तक यह कारोबार डॉलर में होता था, लेकिन अब बांग्लादेश भारत के साथ भारतीय मुद्रा में व्यापार करेगा। इसके लिए बांग्लादेश के दो बैंक भारत के साथ रुपये एक्सचेंज करने की बड़ी योजना पर काम कर रहे हैं। खास बात यह है कि ईस्टर्न बैंक ऑफ बांग्लादेश ने इस काम के लिए आईसीआईसीआई बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नोस्ट्रो अकाउंट भी खोला है। ईस्टर्न बैंक भी जल्द इसकी घोषणा कर सकता है। वहीं, बांग्लादेश का सोनाली बैंक भी ऐसी ही तैयारी कर रहा है।

बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी

खास बात यह है कि जब से यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध शुरू हुआ है तब से पूरी दुनिया संकट में है। दोनों देशों के बीच युद्ध से गैस, तेल, गेहूं और कई अन्य वस्तुओं के आयात-निर्यात पर असर पड़ा है। इससे महंगाई बढ़ी है। ऐसी स्थिति ने कई देशों में डॉलर की कमी पैदा कर दी है, जिसके कारण विदेशी मुद्रा भंडार कम हो रहा है। साथ ही बांग्लादेश भी इससे प्रभावित हुआ है। बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार 7 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह दुनिया में चीन के बाद बांग्लादेश भारत से सबसे ज्यादा आयात करता है। जिसके चलते उसने यह कदम उठाया है।

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