आजादी के 75 साल बाद भी पाकिस्तान की हालत खराब! 40% आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीने को मजबूर

इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में अब भी हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। मालूम…

पाकिस्तान की हालत खराब

इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में अब भी हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। मालूम हो कि पाकिस्तान में गरीबों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। विश्व बैंक ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि पिछले वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान में गरीबी दर बढ़कर 39.4 फीसदी हो गई है। बेहद खराब आर्थिक स्थिति के कारण देश के सवा करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी में धकेल दिए गए हैं।

विश्व बैंक द्वारा पेश किए गए पाकिस्तान के गरीबी के आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि देशवासियों की हालत क्या है। पाकिस्तान में एक साल में गरीबी 34.2 फीसदी से बढ़कर 39.4 फीसदी हो गई है। इसके साथ ही देश में 1.25 करोड़ और लोगों के गरीबी रेखा से नीचे आने के बाद पाकिस्तान में गरीबी से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़कर 9.5 करोड़ हो गई है।

पाकिस्तान का आर्थिक मॉडल फेल

विश्व बैंक ने पाकिस्तान में आने वाली सरकार के लिए तैयार की गई मसौदा नीति का अनावरण किया है और इसमें सुधार के लिए उचित उपाय भी सुझाए हैं। वैश्विक संस्था ने कहा है कि देश को वित्तीय स्थिरता हासिल करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। पाकिस्तान के लिए विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री टोबियास हक का कहना है कि पाकिस्तान का आर्थिक मॉडल अब गरीबी को कम नहीं करता है और समकक्ष देशों की तुलना में जीवन स्तर में गिरावट जारी है।

विश्व बैंक ने दी चेतावनी

पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि देश को वित्तीय स्थिरता के लिए जो कदम उठाने की जरूरत है, उनमें कृषि और रियल एस्टेट पर कर लगाने के साथ-साथ फिजूलखर्ची में कटौती भी शामिल है। टोबियास हक ने कहा, पाकिस्तान गंभीर आर्थिक और मानव विकास संकट का सामना कर रहा है और ऐसे बिंदु पर है जहां बड़े नीतिगत बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक पाकिस्तान की मौजूदा आर्थिक स्थिति को लेकर काफी चिंतित है।

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