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- August 2, 2023
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लॉन्च के 17 दिन बाद कहां है चंद्रयान-3, चांद तक पहुंचने में क्यों लग रहा है इतना समय, जानिए विस्तार से
लॉन्च के 17 दिन बाद कहां है चंद्रयान-3- चंद्रयान-3 मिशन जुलाई में लॉन्च किया गया था और अब वह निर्बाध…
लॉन्च के 17 दिन बाद कहां है चंद्रयान-3- चंद्रयान-3 मिशन जुलाई में लॉन्च किया गया था और अब वह निर्बाध गति से चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। दो सप्ताह तक पृथ्वी की परिक्रमा करने के बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा की परिक्रमा करने के लिए तैयार हो गया है। यह चंद्रयान मिशन की चंद्रमा तक की यात्रा की शुरुआत है। अगला मिशन चंद्रमा पर उतरने का है, जिसमें तीन सप्ताह लगेंगे। आइए जानते हैं चांद तक पहुंचने में इतना समय क्यों लगता है?
चंद्रयान मिशन पृथ्वी से चंद्रमा तक की दूरी चार दिनों में तय करेगा। इसके बाद यह 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा और फिर चंद्रमा की छह परिक्रमा करने के बाद उसकी सतह पर उतरेगा। चंद्रमा की परिक्रमा करने का कारण रोवर को गति देना है, जिसके बाद जब यह सतह से 100 किमी दूर होगा, तो लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। लैंडर और रोवर के साथ अंतरिक्ष यान की लैंडिंग 23 अगस्त तक होगी।
चांद तक पहुंचने में इतना समय क्यों?
लॉन्च के 17 दिन बाद कहां है चंद्रयान-3- चंद्रयान-3 मिशन को चांद तक पहुंचने में इतना समय क्यों लग रहा है? मौजूदा रॉकेट तकनीक से पृथ्वी से चंद्रमा तक का सफर महज तीन दिन में पूरा किया जा सकता है। प्लूटो के रास्ते पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का न्यू होराइजन्स मिशन केवल 8 घंटे और 35 मिनट में पृथ्वी से चंद्रमा पर पहुंच गया। चलिए मान लेते हैं कि वह नहीं उतरा, लेकिन चंद्रमा पर पहुंचने के लिए यह बहुत कम समय है। दरअसल, चंद्रमा तक पहुंचने में इतना समय इसलिए लग रहा है क्योंकि भारत के पास नासा जैसी रॉकेट क्षमता नहीं है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के पास नासा जितने शक्तिशाली रॉकेट नहीं हैं। चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च करने के लिए भारत के सबसे शक्तिशाली रॉकेट ‘लॉन्च व्हीकल मार्क-3’ का इस्तेमाल किया गया है।
23 अगस्त को होगी सॉफ्ट लैंडिंग
इसरो का यह रॉकेट इतना शक्तिशाली नहीं है कि सीधे चंद्रमा पर मिशन भेज सके। यही कारण है कि मिशन को चंद्रमा तक पहुंचने में इतना समय लग रहा है। चंद्रयान मिशन 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। लॉन्च हुए 17 दिन हो गए हैं। यह 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा और उसके बाद 23 अगस्त को सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। इस तरह लॉन्च से लैंडिंग तक 40 दिन लगेंगे।