भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल-1 सफलतापूर्वक प्रक्षेपित, एल-1 बिंदु तक पहुंचने में लगेंगे 125 दिन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से शनिवार सुबह 11:50…

भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल-1

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से शनिवार सुबह 11:50 बजे अपने पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 मिशन को लॉन्च कर दिया। यह लॉन्चिंग पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट से की गई। इसकी यह 25वीं उड़ान थी। रॉकेट PSLV-XL आदित्य को उसके तय ऑर्बिट में छोड़ने निकल गया है। लॉन्च के करीब 40 मिनट बाद आदित्य-एलवन अपनी तय कक्षा में पहुंचेगा।

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि आदित्य एल-1 उपग्रह हमारे सूर्य का अध्ययन करने के लिए है। इसे एल-1 बिंदु तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे यह एक महत्वपूर्ण प्रेक्षपण है। हमने अभी तक ऐसा नही किया है, लेकिन जल्द ही हम इसकी घोषणा करेंगे। आदित्य एल-1 के बाद हमारा अगला प्रेक्षपण गगनयान है जो अक्टूबर के पहले सप्ताह तक लॉन्च होगा।

क्या काम करेगा आदित्य एल-1

आदित्य एल-1 को लेग्रेजियन प्वाइंट के चारों और प्रभामंडल कक्ष में स्थापित किया जाएगा। जो सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर है, जिसको चार महीने में पूरा करने की उम्मीद है। आदित्य एल-1 के उपकरण सूर्य की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप और सूर्य के धधकने से संबंधित गतिविधियों और इसकी खूबियों और अंतरिक्ष समस्याओं को समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। आदित्य एल-1 कक्षा पर पहुंचने के बाद जमीनी केंद्र को रोज 1440 तस्वीरें भेजेगा।

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