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- January 29, 2023
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रामलला की मूर्ति का निर्माण शालिग्राम शिला से होगा, नेपाल से आएंगी यह दो विशेष शिलाएं
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। अगले साल जनवरी में मकर…
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति तक इस राम मंदिर के तैयार होने की उम्मीद की जा रही है। रामलला की मूर्ति के लिए दो विशेष पत्थर का इस्तेमाल किया जाएगा, जो कि नेपाल के पोखरा में स्थित काली गंडकी नदी (शालिग्राम नदी) से लाई जाएगी। इसे शालिग्राम शिलाएं भी कहते हैं। यह काली गंडकी नदी दामोदर कुण्ड से निकलकर गंगा नदी में मिलती है और शालिग्राम शिलाएं सिर्फ गंडकी नदी में पायी जाती है। यह शालिग्राम शिलाएं दो फरवरी को अयोध्या पहुंचेगी। पौराणिक मान्यता के अनुसार, माता सीता नेपाल के राजा जनक की पुत्री थीं और उनका विवाह अयोध्या के भगवान राम से हुआ था।
शालिग्राम शिला की विशेषता
ये दोनों शालिग्राम शिलाएं करीब 600 साल पुरानी है और इन शालिग्राम शिलाओं से भगवान राम की मूर्ति का निर्माण होगा। नेपाल के मस्तंग में थोरोंग ला पर्वत दर्रे के तल पर मुक्तिनाथ घाटी में शालिग्राम के करीब गंडकी नदी से इन शिलाओ को निकाला गया है। इन शिलाओ को अयोध्या लाने के लिए काली गंडकी नदी के किनारे पूरे विधि विधान से शालिग्राम शिला का पूजन किया गया। इस पूजन समारोह में प्रांत गवर्नर, मुख्यमंत्री, जानकी मंदिर के पुजारी और अयोध्या से नेपाल पहुंचे VHP के वरिष्ठ अधिकारी राजेंद्र पंकज उपस्थित रहे थे।
उसके बाद जियोलॉजिकल और पुरातत्त्वविदों की टीम की देखरेख में पत्थर की खुदाई की गई। जहां से शिला यात्रा गुजर रही है, वहां पर श्रद्धालु इस शिला के दर्शन कर रहे हैं। शालिग्राम के रूप में जानी जाने वाली चट्टानों को विष्णु का प्रतिनिधित्व माना जाता है। एक शिलाखंड का वजन 26 टन और दूसरी शिलाखंड का वजन 14 टन है। यह शालिग्राम शिलाएं इतनी मजबूत होती हैं कि किसी भी प्राकृतिक दुर्घटना में इसका नुकसान नहीं होता है और यह संगमरमर की पत्थरों से भी ज्यादा मजबूत होती है।
सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकार का चयन होगा
रामलला की मूर्ति के निर्माण के लिए सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकार का चयन किया जाएगा। मूर्तिकार सबसे पहले ड्राइंग और सैंपल बनाकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को देंगे, जिसके बाद जिस मूर्तिकार की ड्राइंग और सैंपल सबसे अच्छा होगा, उसे मूर्ति बनाने का जिम्मा सौंपा जाएगा।
शालिग्राम शिला अयोध्या कब पहुंचेगी
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल शिलाओं के साथ 2 फरवरी को अयोध्या पहुंचेगा। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र सिंह पंकज बुधवार को नेपाल के मस्तंग जिले से दो पवित्र शिलाओं की खेप लेकर निकल चुके है। इन शिलाओं के अयोध्या पहुंचने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री भी यहां पहुंचेंगे।
सात महीने पहले नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री बिमलेन्द्र निधि ने राम मन्दिर निर्माण ट्रस्ट के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था कि इस शुभ कार्य में उनकी तरफ से योगदान किया जाएगा। तभी से इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई थी। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण में जनकपुर और नेपाल की तरफ से योगदान के लिए प्रस्ताव रखा गया था। नेपाल के जनकपुर में जानकी मंदिर से भगवान राम को धनुष बनाकर देने का भी प्रस्ताव रखा गया है। नेपाल के पूर्व गृहमंत्री विमलेंद्र निधि का मानना है कि इस योगदान से दोनों देशों के बीच का रिश्ता और प्रगाढ़ हो जाएगा।