संसद का शीतकालीन सत्र: सदन में 22 घंटे बर्बाद, 2 घंटे से भी कम बहस में इतने बिल पास

संसद का शीतकालीन सत्र- संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार को संपन्न हो गया। नए संसद भवन में आयोजित वर्तमान लोकसभा…

संसद का शीतकालीन सत्र- संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार को संपन्न हो गया। नए संसद भवन में आयोजित वर्तमान लोकसभा का पहला और अंतिम औपचारिक सत्र सुरक्षा उल्लंघनों, उपराष्ट्रपति के प्रतिरूपण विवाद और बड़ी संख्या में विपक्षी सांसदों के निलंबन के कारण प्रभावित हुआ। इस सत्र के दौरान 18 विधेयक पारित किये गये, जिनमें देश के आपराधिक कानून में संशोधन करने वाले तीन महत्वपूर्ण विधेयक और दूरसंचार क्षेत्र में बदलाव लाने वाला एक महत्वपूर्ण विधेयक शामिल है। एक थिंक टैंक ने एक बयान में कहा कि गौरतलब है कि 17वीं लोकसभा में पारित कुल बिलों में से आधे पर दो घंटे से भी कम समय तक बहस हुई।

संसद पर आतंकी हमले की बरसी पर सुरक्षा चूक

संसद पर आतंकी हमले की बरसी पर सुरक्षा चूक के कारण हंगामा हुआ। विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और व्यापक बहस के साथ गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग की। विवाद के चलते रिकॉर्ड 146 विपक्षी सांसदों को दोनों सदनों से निलंबित कर दिया गया था।

लोकसभा और राज्यसभा में 146 सांसद सस्पेंड

लोकसभा में कार्यवाही के आखिरी दिन तीन सांसदों को निलंबित कर दिया गया, जिसके बाद दोनों सदनों में निलंबित सांसदों की संख्या 146 हो गई है। इसमें लोकसभा के 112 सांसद और राज्यसभा के 34 सांसद शामिल हैं। चार सीटों पर कांग्रेस के 60, डीएमके के 21, जेडीयू के 14, टीएमसी के 21, एसपी के 4, बीएसपी, आईयूएमएल, जेएमएम, वीसीके, आरएसपी के एक-एक, एनसीपी के 4, सीपीएम के 5, सीपीआई के 3 सांसद हैं। एनसी के 2 को निलंबित कर दिया गया।

राज्यसभा में 65 घंटे और लोकसभा में 62 घंटे काम

शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में 65 घंटे और लोकसभा में 61 घंटे 50 मिनट काम हुआ। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा कार्यवाही बाधित करने के कारण लगभग 22 घंटे बर्बाद हो गये। धनखड़ ने कहा कि सदन में 79 फीसदी काम हो चुका है। 14 बैठकों के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के 2,300 से अधिक प्रश्नों का समाधान किया गया। कुल 17 विधेयक पारित किये गये। लोकसभा में 74 फीसदी कामकाज दर्ज किया गया। 14 बैठकें हुईं और 18 बिल पारित किए गए।

संसद के शीतकालीन सत्र में 18 विधेयक पारित

शीतकालीन सत्र में भारतीय न्यायिक संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक पारित किए गए। इसलिए देश का आपराधिक कानून मौलिक रूप से बदल गया है। इसके अलावा टेलीकॉम सेक्टर के ढांचे में बदलाव लाने वाले टेलीकॉम बिल और मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति संबंधी बिल पर भी चर्चा हुई। पोस्ट ऑफिस बिल, प्रेस और रजिस्ट्रेशन समेत 18 बिल पास किए गए।

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