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- July 3, 2023
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कंगाल पाकिस्तान को IMF से कर्ज तो मिल गया, लेकिन ये हालात उसे और बर्बाद कर देंगे, रखी ये शर्तें
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बड़ी राहत मिली है। आईएमएफ ने उन्हें तीन अरब डॉलर का कर्ज दिया…
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बड़ी राहत मिली है। आईएमएफ ने उन्हें तीन अरब डॉलर का कर्ज दिया है। कई मिन्नतों के बाद आईएमएफ ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मदद की है। यह तो सभी जानते हैं कि पाकिस्तान पिछले कुछ समय से बेहद खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहा था और आईएमएफ से मदद लेने की कोशिश कर रहा था। एक दिन पहले आईएमएफ ने उन्हें तीन अरब डॉलर की लाइफलाइन दी है।
स्टैंड बाई समझौते के तहत तीन अरब डॉलर का ऋण
आईएमएफ ने पाकिस्तान के साथ एक स्टैंड–बाय समझौता किया है, जिसके तहत उसे तीन अरब डॉलर का कर्ज दिया गया है। आईएमएफ का कहना है कि इससे पाकिस्तान में चल रहे भुगतान संतुलन के संकट में कुछ हद तक सुधार हो सकता है और पाकिस्तान के ख़त्म होते विदेशी मुद्रा भंडार में भी कुछ राहत मिल सकती है। बता दें कि आईएमएफ पाकिस्तान को यह पैसा एक साथ नहीं, बल्कि 9 महीने में टुकड़ों में देगा।
IMF ने उम्मीद से ज्यादा पैसा दिया
पहले कहा जा रहा था कि पाकिस्तान को 2.5 अरब डॉलर मिल सकते हैं लेकिन आईएमएफ ने उसे उम्मीद से ज्यादा पैसा दे दिया। लेकिन इसमें बड़ी बात ये है कि आईएमएफ जब किसी को पैसा देता है तो कई तरह की शर्तें लगाता है। आईएमएफ ने एक बयान जारी कर कहा है कि पाकिस्तान सरकार को अनावश्यक खर्च नहीं करना चाहिए। इस पैसे का उपयोग वहीं करें, जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो। पाकिस्तान सरकार अपने लोगों को कई तरह की सब्सिडी देती थी, उसे वो सब बंद करना होगा।
आईएमएफ ने क्या शर्तें रखीं?
बिजली क्षेत्र में सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी को अब खत्म करना होगा। लोगों को अब पूरा बिल चुकाना होगा। पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक को आयात प्रतिबंध हटाना होगा। होता यह है कि जब किसी देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार नहीं होता तो वह विदेश से ज्यादा ऑर्डर नहीं कर सकता, क्योंकि अगर वह ऑर्डर करता है तो उसे डॉलर में भुगतान करना होता है, लेकिन सरकार के पास डॉलर ही नहीं होते।
आईएमएफ ने पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक से कहा है कि आपको अपने ऊपर लगे सभी आयात प्रतिबंध हटाने होंगे। इसमें समस्या यह है कि इसके हटने के बाद अमीर लोग खूब ऑर्डर करना शुरू कर देंगे, तो पाकिस्तान भुगतान कहां से करेगा क्योंकि उसके पास केवल तीन अरब डॉलर ही हैं। पाकिस्तान के पास 3.5 अरब डॉलर का भंडार है।
आईएमएफ द्वारा लगाई गई एक और शर्त यह है कि उसे अपनी मुद्रा को बाजार दर से जोड़ना होगा। वह इसे नियंत्रित नहीं कर सकते। इसके अलावा ब्याज दर भी बढ़ानी होगी। फिलहाल यह 22 फीसदी है। आईएमएफ ने घाटे में चल रही कंपनियों का निजीकरण करने की बात कही है।